अपने बच्चों की बात सुनना सीखिए
यौन शोषण जैसी गंभीर मामले की सूचना आपका बच्चा आपको तभी देगा जब उसे भरोसा होगा कि आप उसकी बातों को गंभीरता से लेंगे। इसलिए बच्चों में शुरू से ही यह विश्वास जगाना बहुत जरूरी है कि आप उनकी बातों पर गौर करेंगे। यह जानने के लिए कि आप अपने बच्चों की बातों की ओर कितना ध्यान देते हैं, इन प्रश्नों का उत्तर दीजिए। यदि आपके उत्तर आपको असंतोषजनक लगें, तो अभी से बच्चों के प्रति अपना रवैया बदल लीजिए, ताकि यौन शोषण जैसी किसी गंभीर समस्या की नौबत आने पर आपका बच्चा आपको अपने हादसे की निस्संकोच सूचना दे सके।
- आप बच्चों की बातों को महज सुनते हैं या उनकी ओर पूरा ध्यान देते हैं?
- जब बच्चे कुछ कह रहे हों, तो क्या आप अपने खयालों में खोए रहते हैं?
- क्या आप बच्चों से कहते हैं कि वे आपसे बाद में बात करें क्योंकि आप व्यस्त हैं?
- क्या आप बच्चे को बोलते समय बीच में टोकते हैं?
- अगर वे आपसे कहते हैं कि वे किसी बात पर उदास या नाराज हैं, तो क्या आप उनकी भावनाओं को नकारते हैं?
- क्या आप बच्चों के साथ बातचीत करते समय कुछ खास विषयों को टाल देते हैं?
- बच्चों से कुछ कहने के बजाए दिन भर में आप कितने मिनट उनकी बात सुनते हैं?
- क्या आप कुछ खास मौकों पर ही बच्चों की बात सुनते हैं?
(... जारी।)
इस लेख माला के अब तक के लेखों की कड़ियां
1. विषय प्रवेश
2. कौन होता है शोषक?
3. बाल यौन शोषण के संकेत
4. यौन स्पर्श की पहचान
5. क्यों नहीं करते बच्चे अपने यौन शोषण की शिकायत
6. कैसे जानें आपके बच्चे का हुआ है यौन शोषण?
7. बच्चों के लिए सेक्स शिक्षण बहुत जरूरी है
8. कैसे करें मदद अपने यौन शोषित बच्चे की
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