अमरीका के मिनेसोटा नामक स्थान के वैज्ञानिकों के अनुसंधानों से पता चला है कि मनुष्य शायद तनाव की अवस्था में शरीर में बने हानिकारक रसायनों से पीछा छुड़ाने के लिए रोता है।
इन वैज्ञानिकों ने तनावग्रस्त अवस्था में आंखों से बहे आंसू और आंखों में धूल, हवा आदि घुसने पर बने आंसू का अलग से रासायनिक परीक्षण किया। उन्हें तनाव में बहे आंसुओं में अधिक मात्रा में हानिकारक रसायन मिले।
Saturday, July 18, 2009
रोने का लाभ
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण
लेबल: विविध
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2 Comments:
aapne achhi jankari di thanks.
कुछ लोग इस लिये असहमत होंगे कि अमेरिका वाले यह कह रहे हैं! :)
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