परिचय
क्या आप हिंदी के अनुवादक हैं, और आपके पास कंप्यूटर और अंतरजाल (इंटरनेट) से जुड़ने की सुविधा है? यदि हां, तो ऐसे कई जाल स्थल (वेब साइट) हैं जिनमें अपने आपको पंजीकृत करके आप घर बैठे ही दुनिया भर से अनुवाद का काम प्राप्त कर सकते हैं और लखपति बन सकते हैं। इन कामों के बदले आपको जो पैसा मिलेगा वह अंतर्राष्ट्रीय दरों पर होगा, यानी डालरों में। उदाहरण के लिए, भारत में हिंदी में अनुवाद करने के लिए अच्छे से अच्छे अनुवादक को भी एक शब्द के लिए 75 पैसे, ज्यादा से ज्यादा 1 रुपया, मिलता है। किंतु इन जाल स्थलों के जरिए आप अपने अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों से 0.08 से लेकर 0.2 डालर प्रति शब्द तक प्राप्त कर सकते हैं, अर्थात 3.50 रुपए से 10 रुपए प्रति शब्द, जो भारतीय दरों से 5 से 15 गुना अधिक है। हां, आपका काम भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए।
आमतौर पर एक अच्छा अनुवादक एक दिन में 3,000 से 4,000 शब्दों का अनुवाद कर सकता है। इस हिसाब से एक दिन में ही 250 – 800 डालर, अर्थात, 12 से 35 हजार रुपए कमाए जा सकते हैं। इतना तो अखबारों, प्रकाशन गृहों आदि में काम कर रहे कई अनुवादकों का मासिक वेतन भी नहीं होता। हां यह जरूर है कि इसकी कोई गारंटी नहीं है कि हर दिन आपको इतना काम मिलेगा ही। लेकिन यदि आप एक अच्छे और मेहनती अनुवादक हैं, तो काम मिलना कोई मुश्किल बात नहीं है।
इस लेख-माला में बताने की कोशिश करूंगा कि आप अपना अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद व्यवसाय कैसे स्थापित कर सकते हैं और लखपति बन सकते हैं।
Thursday, January 08, 2009
अंतरजाल बनाएगा हिंदी अनुवादकों को लखपति - 1
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण 1 टिप्पणियाँ
अंतरजाल बनाएगा हिंदी अनुवादकों को लखपति - 2
अनुवादकों का कार्यस्थल - प्रोज.कोम
आइए अनुवादकों के इन जाल स्थलों के बारे में आपको परिचित कराएं। इन जाल स्थलों में सबसे अग्रणी है, प्रोज.कोम। इसके हजारों की संख्या में अनुवादक सदस्य हैं। इसकी साधारण सदस्यता निश्शुल्क है। सभी सदस्यों को यह जाल स्थल अपना आत्म परिचय अपने वेब सर्वर में रखने देता है। इस आत्म परिचय में अनुवादक अपना नाम, पता, ईमेल आईडी, शैक्षणिक अर्हताएं, अनुवाद के अनुभव, अनुवाद दर आदि सूचनाएं दर्शा सकता है। इस आत्म परिचय को भावी ग्राहक देख सकते हैं और यदि उन्हें विवरण पसंद आए, तो वे उस अनुवादक से संपर्क करेंगे। इसके अलावा ग्राहक अपने कामों को इस जाल स्थल में प्रकाशित भी करते हैं और यदि कोई काम आपके अनुकूल का निकला, तो यह जाल स्थल आपको ईमेल द्वारा सूचित करेगा कि आपके लायक काम प्रकाशित हुआ है और यदि आप चाहें तो उसके लिए अर्जी भेजें। तब आप इस जाल स्थल में लोग-इन करके इस काम के लिए अपनी दर आदि की जानकारी काम प्रकाशित करने वाले को भेज सकते हैं। यदि उसे वह पसंद आ जाए, तो वह आपको काम दे देगा।
इसके अलावा इस जाल स्थल में अनेक चर्चा-मंच भी हैं जिनमें सदस्य अनुवादक एक-दूसरे से अपने पेशे से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं और अपने अनुभवों का आदान-प्रदान करते हैं। इन मंचों से नए अनुवादकों को अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद बाजार के कार्य करने की रीति, अनुवाद की अद्यतन दरें, अनुवाद के नए-नए सोफ्टवेयर, आदि अनेक महत्वपूर्ण बातों की बहुमूल्य जानकारी मिलती रहती है। नए अनुवादक अपनी समस्याएं भी इन मंचों में रख सकते हैं और अनुभवी अनुवादक उन्हें उपयोगी परामर्श देते हैं। अनुवादक अपनी बात किसी भी भाषा में रख सकता है। हिंदी, अंग्रेजी, चीनी, स्पेनी, फ्रेंच, जिस भी भाषा की उसे अधिक जानकारी हो, उसमें वह इन मंचों में भाग ले सकता है। प्रोज.कोम में सभी भाषाओं के अनुवादक हैं। उदाहरण के लिए उसमें हिंदी के अनुवादकों की संख्या 1200 से भी अधिक है।
कई बार अनुवाद करते समय अनुवादकों को किसी कठिन शब्द का पर्याय नहीं मिलता है या स्रोत दस्तावेज की किसी पंक्ति का अर्थ नहीं समझ आता है। इस तरह की परिस्थितियों में फंसे अनुवादकों की मदद करने के लिए प्रोज.कोम में एक बहुत ही उपयोगी स्तंभ है जिसका नाम है कुडोज नेटवर्क। इसमें अनुवादक अपनी समस्या के शब्द या पद को संदर्भ सहित कुडोज नेटवर्क में रख सकता है, और अन्य अनुभवी अनुवादक उसके समाधान सुझाएंगे। कई बार नए गढ़े शब्दों का अर्थ शब्दकोशों में नहीं मिलता है। इस तरह के शब्दों के स्पष्टीकरण के लिए कुडोज नेटवर्क काफी उपयोगी है।
अनुवादकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जो उत्तर आते हैं, उनका अन्य अनुवादक परीक्षण करते हैं और उन पर टिप्पणी करते हैं। इससे इन प्रश्नों के लिए उच्च कोटि के उत्तर प्राप्त होते हैं। पूछे गए कठिन से कठिन प्रश्नों के लिए भी मिनटों में पांच-छह उत्तर आ जाना सामान्य बात है। इनमें से सबसे अच्छे उत्तर को प्रश्न पूछनेवाला अनुवादक चुनता है और इससे उत्तर देनेवाले अनुवादक को 4 कुडोज अंक मिलते हैं। ये अंक उत्तर देनेवाले अनुवादक के खाते में जमा होते रहते हैं। ये कुडोज अंक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये प्रोज.कोम में अनुवादकों का वरीयता क्रम निश्चित करते हैं। प्रोज.कोम अनुवादकों की भाषावार सूची रखता है और इस सूची में सबसे आगे उन अनुवादकों के नाम रहते हैं जिनके सर्वाधिक कुडोज अंक हों। अनुवाद का काम देनेवाले व्यक्ति और संगठन इन सूचियों को देख सकते हैं और आमतौर पर उनकी नजर सबसे आगे दिए गए अनुवादकों के नामों पर जाती है और वे उनसे ही पहले संपर्क करते हैं। उपर्युक्त सुविधाओं के अलावा अनेक अन्य सुविधाएं भी प्रोज.कोम अपने उपयोगकर्ताओं को देता है। लेकिन अधिकांश सुविधाएं चंदा चुकाकर बकायदा सदस्य बननेवाले अनुवादकों को ही उपलब्ध हैं। चंदे की वार्षिक रकम 120 डालर है, जो प्रथम दृष्टि में कुछ ज्यादा लग सकती है, लेकिन सदस्यता के फायदों को देखकर यह कुछ भी ज्यादा नहीं है। अधिकांश अनुवादक अपनी सदस्यता के कुछ ही दिनों में इससे दुगना-तिगुना कमा लेते हैं।
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण 1 टिप्पणियाँ
अंतरजाल बनाएगा हिंदी अनुवादकों को लखपति - 3
प्रोज.कोम जैसे कुछ अन्य जाल स्थल
यद्यपि प्रोज.कोम इस तरह का सबसे प्रमुख जाल स्थल है, लेकिन इसी की जैसी सुविधाएं प्रदान करनेवाले कुछ अन्य स्थल भी हैं:-
• ट्रान्सलेटर्सकफे.कोम
• ट्राड्यूगाइड.कोम
• गोट्रान्सलेटर्स.कोम
• एक्वेरिस.कोम
• ट्रान्सलेशनबूथ.कोम
• लिग्विस्टफाइंडर.कोम
इन सभी जाल स्थलों में हिंदी अनुवादकों को अपना आत्म परिचय रख छोड़ना चाहिए। ये सभी कमोबेश प्रोज.कोम के जैसे ही काम करते हैं। यद्यपि इन सभी जाल स्थलों का चंदा भरकर ग्राहक बनना अधिकांश अनुवादकों के लिए संभव नहीं हो सकेगा, लेकिन इनमें से एक दो का तो बनना ही चाहिए, और बाकी में अपना आत्म परिचय रखना चाहिए।
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण 1 टिप्पणियाँ
अंतरजाल बनाएगा हिंदी अनुवादकों को लखपति - 4
आवशयक साधन और कुशलताएं
इन जाल स्थलों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनुवाद कार्य करने के लिए अनुवादकों के पास कुछ मूलभूत औजार होने चाहिए। चूंकि अधिकांश काम अंतरजाल के माध्यम से ईमेल के जरिए आता है, अनुवादकों के पास एक अच्छा कंप्यूटर और अंतरजाल के साथ जुड़ने का एक अच्छा माध्यम होना चाहिए। यदि ब्रोडबैंड कनेक्शन हो, तो सबसे अच्छा। इन सबको लगाने में जो खर्चा आएगा, उसे निवेश समझना चाहिए। कुछ ही महीनों में उसकी भरपाई हो जाती है।
अधिकांश विदेशी अनुवाद काम कंपनियों के जाल स्थलों के अनुवाद से जुड़ा होता है। चूंकि अनूदित सामग्री को अंतरजाल के माध्यम से प्रदर्शित करना होता है, इसलिए ग्राहक यूनीकोड की मांग करते हैं। अतः अनुवादकों को यूनीकोड का उपयोग करना आना चाहिए। विंडोस एक्सपी यूनीकोड का पूर्ण समर्थन करता है और आपको अपने कंप्यूटर पर विंडोस एक्सपी ही लगवाना चाहिए। इसे बड़ी आसानी से यूनीकोड के लिए सेट किया जा सकता है। एमएस वर्ड या हिंदी ओफिस जैसे शब्द संसाधक में हिंदी में यूनीकोड में काम किया जा सकता है। यदि आप लीप ओफिस या आईलीप में इनस्क्रिप्ट कुंजीपटल पर हिंदी टाइप करना जानते हों, तो आप यूनीकोड में भी टाइप कर सकते हैं क्योंकि यूनीकोड में हिंदी कुंजीपटल इनस्क्रिप्ट जैसा ही है। यदि आप कृतिदेव, सुशा, फोनेटिक आदि हिंदी फोंटों का उपयोग करते हों, तो आपको यूनीकोड में काम करने में तकलीफ हो सकती है। आपको इन पुराने फोंटों को छोड़कर यूनीकोड अपना लेना चाहिए क्योंकि सारी दुनिया इसी ओर झुक रही है। यूनीकोड के बिना आपका अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद व्यवसाय उठ नहीं सकेगा।
इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको स्रोत और लक्ष्य भाषा का उम्दा ज्ञान होना चाहिए और आपको अनुवाद कला में निपुण होना चाहिए। अधिकांश विदेशी ग्राहक हिंदी नहीं जानते और वे आपके द्वारा दिए गए अनुवाद का दूसरे हिंदी विशेषज्ञों से पुनरीक्षण करवाते हैं। यदि उन्हें पुनरीक्षकों से आपके अनुवाद के बारे में खराब रिपोर्ट मिले तो वे आपको दुबारा काम नहीं देंगे। वर्तनी, व्यावकरण आदि के मामले में भी आपको बहुत ही सजग रहना चाहिए। हिंदी के मानकीकृत रूप से आपका अच्छा परिचय होना चाहिए, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यही मान्य है। जैसे, लिए-लिये, लताएं-लतायें, गई-गयी आदि हिंदी के द्विरूपी शब्दों में प्रथम का उपयोग, यानी ए-ई वाले रूपों का उपयोग, पंचमवर्ण के स्थान पर अनुस्वार का उपयोग (संबंध न कि सम्बन्ध, गंगा न कि गङ्गा, डंडा न कि डण्डा, इत्यादि), अंकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंकों का उपयोग (1, 2, 3, न कि १, २, ३), इत्यादि, अनिवार्य है।
किसी एक विषय को चुनकर उसमें विशेषज्ञता प्राप्त करना भी उपयोगी होता है। उदाहरण के लिए कानून, व्यावसाय, अभियांत्रिकी, कंप्यूटर, चिकित्सा आदि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें काफी अनुवाद काम होता है। किसी भी अनुवादक के लिए इन सभी विषयों की शब्दावली से परिचित होना संभव नहीं हो सकता, इसलिए किसी एक विषय को चुनकर उसके हर पहलू पर जानकारी हासिल कर लेना उसके लिए उपयोगी रहेगा।
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण 1 टिप्पणियाँ
अंतरजाल बनाएगा हिंदी अनुवादकों को लखपति - 5
हिंदी के बढ़ते कदमों के साथ बढ़ें समृद्धि की ओर
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था के चमक उठने से बहुत सी विदेशी कंपनियां भारत में कारोबार शुरू कर रही हैं। इन्हें हिंदी में अपने जाल स्थल, प्रचार सामग्री आदि अनूदित करवाने की जरूरत पड़ती है।
इसके साथ ही अब भारतीय मूल के लोग अमरीका, यूके, कनाडा, आस्ट्रेलिया आदि देशों में इतनी संख्या में पहुंच गए हैं कि वहां की सरकारें अपनी विज्ञप्तियां, कानून, नोटिस, जाल स्थल आदि को हिंदी में भी जारी करने लगी हैं। इन सब कारणों से अब हिंदी एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में उभर गई है। बोलनेवालों की संख्या की दृष्टि से भी हिंदी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा है, चीनी और अंग्रेजी के बाद।
हिंदी के अनुवादक इस परिस्थिति से खूब लाभ उठा सकते हैं और अपनी आय को दुगना-तिगुना बढ़ा सकते हैं।
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण 0 टिप्पणियाँ