बच्चों के लिए सेक्स शिक्षण बहुत जरूरी है
बच्चों से यौन बाल शोषण की बातचीत करना एक कठिन चुनौती है पर उससे बचना उनके लिए अच्छा भी नहीं है। सबसे कठिन समस्या तो यह है कि बातचीत कैसे शुरू की जाए।इसका ध्यान रखें कि बच्चों से इस संबंध में बात करने के पूर्व आपके पास सही जानकारी हो। यौन शोषण संबंधी विषयों पर पहले अपने मित्रों एवं संबंधियों से सहजता से बातचीत करें।
बच्चों को समझाएं कि यदि कोई उनके निजी अंगों को छूना चाहे, तो यह अनुचित है। जब आपका बच्चा आपसे इस संबंध में सहज सवाल करे, तो उसे टालिए नहीं, बल्कि स्पष्टता से उत्तर दें।
शिशु कहां से आता है, सेक्स क्या है, इत्यादि सवालों का सही जवाब दें। यदि आप उन्हें नहीं बताएंगे, तो वे दूसरे स्रोतों से इन सवालों के उत्तर ढूंढ़ने की कोशिश करेंगे, जो कभी-कभी उनके लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
छोटी उम्र से ही बच्चों को अपने निजी अंगों के नाम बताएं, ताकि बड़ा होने पर वे यौन संबंधी विषयों के बारे में सहजतापूर्वक बात कर सकें तथा यौन शोषित होने पर उसके बारे में अपने माता-पिता या अन्य वयसकों को स्पष्टता से बता सकें। शरीर के निजी अंगों को ऐसे नाम मत दें जो किसी वस्तु का द्योतक हो, जैसे सांप या फूल, बल्कि उनके असली नाम से ही इन अंगों का उल्लेख करें। जिन बच्चों को शरीर के निजी अंगों के नाम नहीं सिखाया जाता है, उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि शायद शरीर के इन अंगों में कोई गलत बात है, और इनके बारे में बात करना अनुचित है। ऐसे बच्चे यौन स्पर्श की जानकारी कम ही देते हैं।
(... जारी।)
इस लेख माला के अब तक के लेखों की कड़ियां
1. विषय प्रवेश
2. कौन होता है शोषक?
3. बाल यौन शोषण के संकेत
4. यौन स्पर्श की पहचान
5. क्यों नहीं करते बच्चे अपने यौन शोषण की शिकायत
6. कैसे जानें आपके बच्चे का हुआ है यौन शोषण?
1 Comment:
सँभल कर चल रहे हैं। ठीक है। तलवार की धार है यह विषय। बला के साहसी हैं आप। आगे की कड़ी प्रतीक्षित है।
Post a Comment