Thursday, July 30, 2009

इसे चोरी मानें या कुछ और?

अभी कुछ देर पहले गिरिजेश जी का एक ईमेल मिला जिसमें उन्होंने एक कड़ी दी और कहा कि उस पर क्लिक करके बताएं कि माजरा क्या है। कड़ी यह है। बताना आपको ही होगा कि माजरा क्या है, क्योंकि मुझे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है।

गिरिजेश द्वारा भेजी गई कड़ी

यदि आपको पहली बार सब कुछ जंक सा दिखे, तो अपने ब्राउसर के व्यू मेनू में जाकर कैरेक्टर एन्कोडिंग को यूटीएफ-8 पर सेट करें।

क्या आप चौंके? गिरिजेश जी का पूरा का पूरा "एक आलसी का चिट्टा" सभी विजटों और टिप्पणियों सहित आस्ट्रेलियन कैथोलिक यूनिवर्सिटी के इस जाल स्थल पर मौजूद है, हालांकि गिरिजेश ने बड़े ही स्पष्ट शब्दों में अपने ब्लोग पर डू नोट कोपी वाला प्रतीक लगा रखा है।

गिरिजेश जी ने यह भी बताया कि यह केवल उनके ब्लोग के साथ नहीं हुआ है बल्कि कई अन्य हिंदी ब्लोग भी वहां मौजूद है, मसलन -

विवेक सिंह का स्वप्नलोक यहां देखा जा सकता है -

स्वप्नलोक

ज्ञानदत्त जी का मानसिक हलचल यहां उपलब्ध है -

मानसिक हलचल

ज्ञानदत्त जी ने भी बड़े स्पष्ट शब्दों में अपने ब्लोग में डू नोट कोपी वाला संदेश लगा रखा है।

शास्त्री फिलिप जी का सारथी यहां देखा जा सकता है -
सारथी

पाबला साहब का प्रिंट मीडिया पर ब्लोग चर्चा भी वहां उपलब्ध है।
प्रिंट मीडिया पर ब्लोग चर्चा

जब मैंने अपने ब्लोगों के संबंध में खोज की तो मेरा कंप्यूटर प्रोग्रामिंगवाला ब्लोग प्रिंटेफ-स्कैनेफ भी वहां मिल गया -

प्रिंटेफ-स्कैनेफ

मुझे लगता है सभी प्रमुख हिंदी ब्लोग वहां मौजूद हैं। यदि आपको पता करना हो कि आपका ब्लाग इस वेब साइट में है या नहीं, तो अपना प्रोफाइल नाम और ACU अथवा अपने ब्लोग का नाम और ACU के साथ गूगल सर्चे करें, इस तरह

जयहिंदी ACU

या

बालसुब्रमण्यम ACU

सवाल यह उठता है कि क्या यह गैरकानूनी नहीं है?

क्या यह ACU किसी ब्लोग एग्रिगेटर जैसा काम करता है, जैसे चिट्ठा जगत या ब्लोगवाणी? यह कोई यूनिवर्सिटी का वेब साइट मालूम दे रहा है, इसलिए क्या वह इन हिंदी ब्लोगों का उपयोग किसी शैक्षणिक उद्देश्य के लिए कर रहा है?

जिन ब्लोगों का उपयोग इस वेब साइट में हुआ है, क्या उनके ब्लोगरों को इस पर आपत्ति उठानी चाहिए? उनके ब्लोग के इस स्थल में उपयोग किए जाने से क्या उन पर कोई कानूनी दायित्व आता है, जैसे यदि कोई ACU के वेब साइट में जाकर उनके ब्लोग पर कोई उल्टा-सीधा या अश्लील कमेंट लगा दे, तो इससे मूल ब्लोगर पर कोई दायित्व आएगा?

इस तरह के अनेक सवाल मन में उठते हैं। यदि कोई जानकार व्यक्ति पर्याप्त छानबीन करके इन सवालों का उत्तर दे सके, तो हम सबका मार्गदर्शन होगा।

10 Comments:

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

इहो ठेल दिए !
अन्ने, गजब करते हो।

Himanshu Pandey said...

हमारा भी चिट्ठा सच्चा शरणम् वहाँ दिखता है । इसका सबसे पहला उल्लेख आशीष जी ने अपनी पोस्ट में किया, उन्हें लगता था कि केवल उन्हीं का हिन्दी ब्लॉग टिप्स ही वहाँ है - पर बाद में अनेकों चिट्ठों के वहाँ होने की पुष्टि होती गयी ।

आपके उठाये गये प्रश्न जरूरी हैं और निश्चित तौर पर उत्तर की माँग करते हैं ।

रंजन said...

आदित्य(http://aadityaranjan.blogspot.com) भी वहाँ है.. पता नहीं क्या माजरा है..

L.Goswami said...

इसने तो मेरा भी ब्लॉग छाप दिया है पूरा का पूरा ..हद है!

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

चूंकि यह विश्वविद्यालय का ब्लाग है तो शायद उन लोगों ने हिंदी विद्यार्थियों के लिए यह सुविधा दी है कि हिंदी के ब्लाग एक जगह देखे जा सकें। हां, ऐसा करने से पहले यदि वे ब्लागर को सूचित कर देता तो अधिक न्यायोचित होता।

अर्कजेश said...

आपकी पोस्ट पढ़कर अभी-अभी हम भी वहाँ गए तो हमारा भी पूरा का पूरा चिट्ठा साइड और बाटम विजेट के साथ उपलब्ध है |
अब समझ में यह नहीं आ रहा कि इसके के लिए खुश होना चाहिए या चिंतित | नाराज | जो भी हो पर बिना इजाजत के ऐसा करना उचित नहीं है |

हिन्दी ब्लॉग टिप्स के आशीष जी ने कुछ दिन पहले अपनी एक पोस्ट में इसका जिक्र किया था, लेकिन तब हमने यह नहीं देख पाए थे की सारा हिन्दी ब्लॉग जगत ही वहाँ मौजूद है |

P.N. Subramanian said...

हमें हमारा भी मिल गया. उनसे ही पूछना होगा की ऐसा वे क्यों कर रहे हैं.

Gyan Dutt Pandey said...

मेरा स्टैटकाउण्टर भी उस साइट के क्लिक रिकार्ड करता है। अभी तो विज्ञापन हैं नहीं, पर वह भी मेरे खाते के लिंक करेगा - लिहाजा उसका घाटा नहीं।

अभी उस साइट से नगण्य़ यातायात है। पर बावजूद उनके डिस्क्लेमर, यह गलत है ही। यह वैसा ही है कि नेट से छानी सामग्री ब्लॉगर लोग बिना कॉपीराइट चेक किये "एज्यूकेशनल पर्पज" के नाम पर चस्पां कर देते हैं!

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

हम तो समझे थे कि सिर्फ हमारा ही ब्लाग वहाँ पर है:)लेकिन वहाँ तो सारा का सारा ब्लागजगत ही दिखाई दे रहा है!

Rubber Rabbit said...

Good readding

हिन्दी ब्लॉग टिप्सः तीन कॉलम वाली टेम्पलेट