कुछ दिन पहले जयहिंदी का एक लेख लोकतंत्र का पांचवां खंभा अमर उजाला में प्रकाशित हुआ था। इस लेख की कड़ी यह है।
अब जयहिंदी का एक और लेख, डाक टिकट की कहानी, अमर उजाला में छपा है। इसकी जानकारी मुझे एक आलसी का चिट्ठा के श्री गिरिजेश राव ने दी, जिन्होंने इसकी एक कतरन भी भेजी, जो नीचे दी गई है।
जयहिंदी की एक पाठक शेफाली पांडे ने भी मुझे इसकी जानकारी दी है। मैं उनका भी आभार मानता हूं।
Friday, June 05, 2009
अमर उजाला में जयहिंदी ... एक बार फिर
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1 Comment:
बहुत घणी बधाई जी, अब तो पार्टी शार्टी हो जाये प्राहाजी..छा गये जी.
रामराम.
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