इस चित्र में आपको क्या दिख रहा है? पानी और चट्टान? एक बार फिर ध्यान से देखिए। चित्र के बाईं ओर खास ध्यान दीजिए। अब क्या दिखा आपको? है न कमाल की चीज?
यदि अब भी नहीं जान पाए कि माजरा क्या है, तो इस चित्र को देखिए। यह वही चित्र है, पर अब उसे 90 डिग्री घुमा दिया गया है, यानी खड़ा कर दिया गया है।
अब आप मानेंगे न, हमारी आंखें विश्वास करने योग्य नहीं हैं?
मजे की बात यह है, हमारी आंखें (या मस्तिष्क) केवल एक बार ही धोखा खाती हैं। दुबारा इस चित्र को देखने पर हमें पहाड़ और पानी की जगह नमस्कार की मुद्रा में मां और बच्चे की मूर्ति ही दिखती है। इसलिए, भले ही हमारी आंखें धोखा दे जाएं, हमारा मस्तिष्क स्थिति को संभाल लेता है, और दुबारा वही गलती नहीं होने देता। गनीमत है यह!
Friday, June 19, 2009
फोटो फीचर : क्या दिखा आपको इस चित्र में?
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण
लेबल: फोटो फीचर
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8 Comments:
य़े है कहाँ का भाई..वो तो बताओ?
अन्ना, बख्श दो।
ये सब कॉर्पोरेट जगत के निठल्लों के मेल बॉक्स में शोभा देता है। यहाँ नहीं।
आज की पोस्ट से मैं 'सीरियसली' निराश हूँ।
ये मुर्ति कहाँ पर है?
समीर, रजिया : ये फोटो मुझे किसी ने ईमल द्वारा भेजा। उसके साथ यह संदेश भी था -
This is a picture of a rock formation near a lake in Burma . The photo can only be taken on a specific day once a year when the sun rays touch the rocks at a certain angle.
मुझे लगता है, असल में यह पहाड़ फोटोशोप में विद्यमान है!
Majedaar post.
:)
🤣🤣🤣🤣
about of islam
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