लीजिए अब होने लगे हैं ब्लोगों के भी बच्चे!
इस नवजात ब्लोग को आपके हाथों थमाए दे रहे हैं। सभालिए इसे, और आपके प्यार और दुलार से यह खूब फले-फूले।
बात यह है कि मैंने बच्चों के लिए उपयोगी हो सकनेवाली काफी रचनाएं समय-समय पर लिखी हैं, जो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और अखबारों में छपती रही हैं। इन सबको यदि ब्लोगजगत में ले आया जाए तो बच्चों के लिए काफी रोचक सामग्री उपलब्ध हो सकेगी। पर इन्हें जयहिंदी में भरना मुझे उचित नहीं जान पड़ा, जयहिंदी को मैं अधिक प्रौढ़ विषयों के लिए अलग रखना चाहता हूं। इसलिए एक नया ब्लोग शुरू करना पड़ा। और कोई नाम नहीं सूझा, तो कर दिया उसका नामकरण, बाल जयहिंदी।
वैसे भी ब्लोग जगत में बालोपयोगी ब्लोग कम संख्या में हैं। इसलिए ब्लोग पाठकों को बच्चों का यह नया ब्लोग नहीं अखरना चाहिए, बल्कि मुझे तो आशा है कि वे इसे संरक्षण देंगे।
यदि आपके घर बच्चे हों, तो उन्हें जरूर इस नए ब्लोग की जानकारी दें। यदि वे पढ़ेंगे, तभी यह प्रयास सफल होगा। आप भी जरूर पढ़ें, कोई मनाही नहीं है, पर आपके लिए तो जयहिंदी, केरल पुराण, प्रिंटेफ-स्कैनेफ भी तो हैं! कुछ ही दिनों में कुछ और ब्लोग भी आपको अर्पित करनेवाला हूं, आप बचकर कहां जाएंगे!
Saturday, May 09, 2009
जयहिंदी का बच्चा
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण
लेबल: विविध
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3 Comments:
बहुत बढिया प्रयास है आपका .. बच्चों को भी अच्छी रचनाएं नेट पर ही पढने को मिल जाएंगी .. शुभकामनाएं।
बढ़िया :) आपको अनंत शुभकामनाएँ.
बच्चों के लिये हिन्दी में तरह-तरह के ब्लाग होने ही चाहिये। उनका समुचित और बहुमुखी विकास सुनिश्चित करने वाली हिन्दी सामग्री बहुत जरूरी है।
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