क्या आप गरमी से परेशान हैं? लेकिन वातानुकूलक को चालू करने से पहले जरा एक बार फिर सोच लें। अमेरिकन लंग ऐसोसिएशन के अनुसार वातानुकूलक अनेक प्रकार के जीवाणु, फफूंदी आदि हानिकारक जीवों के भंडार होते हैं। इसके अलावा वातानुकूलित कमरों में खिड़की-दरवाजे आदि सदा बंद रहने से वहां ताजी हवा का बहाव नहीं हो पाता और कोनों और दरारों में बासी हवा सदा मौजूद रहती है। यह भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानकारक होती है क्योंकि इन दरारों और कोनों में, खासकर रसोईघर, प्रयोगशाला आदि स्थानों में, अनेक प्रकार के जहरीले पदार्थ व गैसें रहती हैं।
वातानुकूलक के कारण होने वाले नुकसान को कम करने के लिए समय-समय पर उसके फिल्टरों को साफ करते रहना चाहिए ताकि वे अवरुद्ध न हो जाएं और उन पर धूल-गंदगी इक्ट्ठी न हो सके, क्योंकि इन्हीं पर रोगाणु पनपते हैं।
Sunday, May 31, 2009
वातानुकूलक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण
लेबल: स्वास्थ्य
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5 Comments:
set the temp of A/c at 22 degrees Centigrade
उपयोगी.. आभार.. वैसे हमें ्तो इसकी ज्यादा जरुरत होती नहीं... ४५-४८ डिग्री तक झेले है बिना ac के..
ज्यादा तापक्रम झेलने की समस्या नहीं, ज्यादा उमस और उससे उत्पन्न स्किन एलर्जी की समस्या है।
उपयोगी जानकारी......शुक्र है कि अभी तक हम तो इस बीमारी(वातानुकूलक) से बचे हुए हैं।
साफ-सफाई नही रखेंगे तो कमरे से ज्यादा कीटाणु तो हमारे शरीर पर उत्पन्न होंगे.मुख्य बात फिल्टर साफ रखने की है सो रखना चाहिये यंत्र के साथ यह सब निर्देश छपे हुए मिलते हैं जिस्मे vantilation servicing आदि शामिल है अन्यथा वातानुकूलक स्वास्थ्य के लिये लाभदायक ही है उमस से भी बचा जा सकता है यह तो अत्यंत अधुनिक और सुरक्षित तक्नीक है
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