पोपआई कार्टून शो के दर्शक पालक के जादुई गुणों से भली-भांति परिचित होंगे। पर अब वैज्ञानिकों ने भी इस पत्तेदार सब्जी का गुणगान शुरू कर दिया है। उनके अनुसार पालक में शरीर के लिए आवश्यक अनेक अमीनो अम्ल, विटामिन ए, फोलिक अम्ल, प्रोटीन और लौह तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
पालक में बीटा केरोटिन नामक विटामिन की भरमार रहती है। यह दृष्टि को सलामत रखने के लिए बहुत आवश्यक है। पालक में लोहे का अंश भी बहुत अधिक रहता है, 100 ग्राम पालक में 10.9 ग्राम जितना। पालक में मौजूद लोहा शरीर द्वारा आसानी से सोख लिया जाता है। इसलिए पालक खाने से खून के लाल कणों की संख्या बढ़ती है। इन लाल कणों में हैमोग्लोबिन नामक तत्व रहता है जो लोहे से बनता है। खून की कमी से पीड़ित व्यक्तियों को पालक खाने से काफी फायदा पहुंचता है। गर्भवती स्त्रियों में फोलिक अम्ल की कमी पाई जाती है। उनके लिए भी पालक का सेवन लाभदायक होता है।
पालक में कैल्शियम भी बहुत अधिक रहता है। इसलिए बढ़ते बच्चों, बूढ़े व्यक्तियों और गर्भवती स्त्रियों के लिए वह बहुत फायदेमंद है। पालक खाने से स्तनपान करानेवाली माताओं के स्तनों में अधिक दूध बनता है। पालक का रस पीने से दांत मजबूत होते हैं और मसूड़ों से खून रिसने की बीमारी दूर होती है। पालक श्वसन तंत्र की बीमारियों को भी दूर करता है।
पालक को कच्चा ही खाना चाहिए। कच्चे पालक में पके पालक से कहीं अधिक पौष्टिकता पाई जाती है।
Wednesday, May 27, 2009
पालक के गुण
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण
लेबल: स्वास्थ्य
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5 Comments:
आभार पालक के विषय में इस स्वास्थयवर्धक जानकारी हेतु.
भाई पालक एक समय के मेनु मे शामिल रहता है पर कच्चा नही. पका कर खाते हैं..कच्चा कैसे खाया जाये? कुछ टिप्स दें तो मेहरवानी होगी.
रामराम.
पालक अच्छा है पर संतुलित मात्रा में। मेरे पड़ोस में महिला द्वारा अधिक पालक खाने से उसकी स्तनपान करने वाली बच्ची को डायरिया हो गया। लिहाजा डाक्टर ने फिलहाल उसको दूध पिलाने से मना किया है।
ek alag sa lekh dekhne ko mila aaj...palak koi khaas pasand to nahi par haan palak paneer khaa sakta hoon bahut :)
www.pyasasajal.blogspot.com
ताऊ रामपुरिया: पालक को बिना पकाए खाने के दो तरीके हैं। एक है, उसे महीन काटकर सलाड के रूप में खाना। दूसरा तरीका है, उसका रस निकालकर नींबू-नकक आदि स्वादानुसार मिलाकर पीना। पालक के कई प्रकार होते हैं, बड़े हरे पत्तेवाला पालक, छोटे हरे पत्ते वाला पालक, लाल पत्ते वाला पालक, आदि। प्रत्येक का स्वाद अलग होता है।
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