अभी हाल में मेरे पड़ोसन घर पर ताला लगाकर सामान खरीदने निकली थीं। जब सामान लेकर घर लौटीं, तो देखा कि चाबी कहीं गिर गई है। तुरंत उन्होंने सामान हमारे घर रखा और चाबी खोजने दौड़ीं।
हम यही सोच रहे थे कि गुम हुई चाबी कहां मिलने वाली है। इन्हें या तो ताला तुड़वाना पड़ेगा अथवा पति या बेटे के आने का इंतजार करना होगा, जिनके पास घर की दूसरी चाबी थी।
पर कुछ ही पलों में विजयी मुस्कान के साथ वे लौट आईं। उनके हाथ में चाबी थी।
हमारे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। हमने पूछा, यह कमाल आपने कैसे किया? तब उन्होंने ऐसी पते की बात बताई कि मुझे लगा कि उसे आप सबके साथ बांटना चाहिए, क्योंकि कभी-न-कभी ऐसी परिस्थिति हम सबके साथ भी तो घट सकती है।
उसने कहा, “मेरी सास ने मुझे एक बार समझाया था कि हमेशा चाबी के गुच्छे में सफेद चमकीला कपड़ा इस तरह बांधना चाहिए कि उसके पतले किनारे लगभग दो इंच तक निकले रहें। यदि चाबी सड़क की काली सतह पर या कहीं और गिर जाए, तो चाबी आसानी से नहीं दिखेगी, पर सड़क की काली पृष्ठभूमि में सफेद कपड़े पर हमारी नजर तुरंत जाएगी। इतना ही नहीं, कपड़ा हल्की सी हवा होने पर भी अथवा वाहनों की आवाजाही से हिल उठेगा और हमारा ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेगा।
“मैंने चाबी के गुच्छे के साथ इस तरह से कपड़ा बांध रखा था। चाबी सड़क पर ही गिरी थी। जब मैं उसे खोजते हुए निकली, तो गुच्छे के साथ बंधे सफेद कपड़े के हिलने के कारण मैं उसे तुरंत देख पाई।“
तो यह तरकीब आप भी अपनाएं। न जाने कब यह आपको मुसीबत से उभारे।
Wednesday, March 25, 2009
चाबी की हिफाजत
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण
लेबल: विविध
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2 Comments:
वाह! यह तो वाकई बहुत अच्छी तरकीब है.आभार इस जानकारी को बांटने हेतु.
[सुई को जरुर हमेशा धागे में रखते हैं.]बाकि चाबी के लिए यह तरकीब बड़ी अच्छी लगी.
चाबी की हिफाजत के लिए यह अच्छी तरकीब है ... जानकारी देने का शुक्रिया।
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