आज गणेश चतुर्थी है। घर में दक्षिण भारतीय शैली में मीठे मोदक बने। मैंने आपको बताने के इरादे से बनाने की सारी विधि का फोटो ले लिया ताकि आप भी इस स्वादिष्ट व्यंजन का कभी मजा ले सकें।
क्या-क्या चाहिए होगा
तो सबसे पहले आवश्यक चीजों की सूची देख लेते हैं। आपको चाहिए होंगे –
1. एक बड़ा नारियल
2. एक कप गुड़
3. एक कप चावल का महीन पिसा आटा
इतनी सामग्री से लगभग 20 मोदक बनेंगे। यदि आपको इससे अधिक चाहिए, तो इसी अनुपात में और सामग्री ले लें।
बनाने की विधि
1. नारियल का महीन कतरन बना लें।
2. एक कड़ाई में आधा गिलास पानी डालें और उसे उबलने के लिए रख दें। जब पानी उबलने लगे, गुड़ को उसमें डाल दें। थोड़ी देर में गुड़ पानी में पूरी तरह घुल जाएगा। तब नारियल की गिरी को कड़ाई में डाल दें और हिलाते रहें ताकि गुड़ और नारियल अच्छी तरह मिल जाएं। जब कड़ाई का सारा पानी उड़ जाए और गुड़ और नारियल अच्छी तरह मिल जाएं, तो कड़ाई को आंच से उतार लें। थोड़ी देर इंतजार करें ताकि नारियल-गड़ का पूरण थोड़ा ठंडा हो जाए। तब उसके आंवले के जितने बड़े गोल पिंड बना लें, जैसा चित्र में दिखाया गया है।
3. चावल के आटे को महीन छलनी से छान लें ताकि उसके कण बहुत छोटे हों। आटा जितना महीन होगा उतने अधिक अच्छे मोदक बनेंगे।
4. अब दूसरी कड़ाई में एक गिलास पानी डालकर उबलने के लिए आंच पर रख दें। उसमें एक चुटकी नमक भी मिलाएं। जब पानी उबलने लगे, तो उसमें चावल का आटा मिला दें और करछुल से अच्छी तरह हिलाते जाएं। चावल का आटा जब सारा पानी सोख ले, और अच्छी तरह पक जाए, तो कड़ाई को आंच से उतार दें। पका हुआ चावल का आटा इस तरह दिखना चाहिए।
5. पूरण के पिंडों से थोड़े बड़े गोल पिंड, चावल के पके आटे के भी बना लें। यदि चावल का आटा हाथ से चिपके, तो उंगलियों पर थोड़ा नारियल का तेल लगा लें। चावल के आटे के उतने पिंड बनाएं जितने पूरण के पिंड हों।
6. अब चावल के प्रत्येक पिंड को दोनों हाथों में पकड़कर दोनों हाथों के अंगूठों से दबाकर चपटा कर लें।
7. उसके बीच में पूरण का एक पिंड रखकर पूरण के पिंड को चारों ओर से चावल के आटे से ढंक दें। चावल के आटे को ऊपर की तरफ इकट्ठा करके नोंक जैसा आकार दे दें, जैसा चित्र में दिखाया गया है।
8. इसी तरह सभी पिंड़ों को तैयार करें।
9. अब प्रेशर कुकर में इन पिंडों को रखकर 20 मिनट तक बिना वेट रखे भाप में पकाएं।
10. खाने से पहले गणेश जी को एक मोदक भोग लगाना न भूलें!
Sunday, August 23, 2009
आइए आपको सिखाता हूं दक्षिण भारतीय मोदक बनाना
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण
लेबल: गणेश चतुर्थी, मोदक, व्यंजन
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14 Comments:
सुन्दर ..बधाई
गणेश उत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामना
बहुत बढ़िया से समझाया. गणेश जी आपको मंगलमय करें.
'दिक्षिण' को ठीक करें -'द्क्षिण'।
आज कल आप के लेखों की संख्या कम क्यों हो रही है?
आज इधर तीज व्रत है - सुहागिनी नारी का निर्जला व्रत। इसलिए इस व्यञ्जन को बाद में ट्राई किया जाएगा।
क्या भाई साहेब...........
दिखाओगे ही दिखाओगे...
चखाओगे नहीं ?
__
____बहुत अच्छी विधि........
बधाई !
tasveeron mein to bahut hi asaan vidhi lagi.bana kar dekhenge..ek doubt hai--
1-Grated Nariyal 'dry' hona chaheeye ya 'paani' wala?
kya dry coconut powder bhi use kar sakte hain?
2-kya rice powder ko halka sa roast karna chaheeye?
Abhaar.
आभार इस रेसिपि को बांटने का.
गणेश चतुर्थी की मंगलकामनाऐं.
@अल्पना जीः
1. ताजे नारियल की गिरी का उपयोग करें, थोड़ा नम रहे तो भी ठीक है। नारियल पाउडर से अच्छा नहीं बनेगा।
2. राइस पाउडर को रोस्ट न करें, महीन छलनी से छानकर सीधे उबलते पानी में डालकर पकाएं।
@ गिरिजेश : दक्षिण को ठीक कर दिया।
घर में कुछ मेहमान आ गए थे, इसलिए थोड़ा व्यस्त रहा। यही कारण है कि कई दिनों से मेरे ब्लोगों पर निष्क्रियता है।
वाह ! बहुत स्वादिष्ठ...गणेश उत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामना
bahut hi sunder tasveeron ke saath modak ki receipe smajhayi hai,bahut hi achhe lage,ganesh chaturthi ki shubkamnaye.
shukriya sir.
हाँ बाल्सुब्रमणियम जी आपकी कमी तो लग रही थी लेकिन इस स्वादिष्ट उपस्थिति ने मज़ा ला दिया .कल ट्राइ करते है । हाँ तस्वीर में जिनके हाथ है उन्हें भी धन्यवाद कह दीजियेगा ।
बहुत ही अच्छी जानकारी दी आपने मोदक की आभार्, एवं गणेश उत्सव की शुभकामनाएं
मुंबई में गणेश पूजा पर एक व्यंग्य लिखा है पढ़ना
http://puraneebastee.blogspot.in/2014/09/Ganesh-PIL.html
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