Sunday, August 16, 2009

नए मंगल फोंट की त्रुटियां

विंडोस प्रचालन तंत्र में हिंदी के लिए डिफोल्ट फोंट मंगल है। इस कारण यह फोंट हिंदी के लिए सर्वाधिक उपयोग किए जानेवाले फोंटों में से एक है।

एस्थेटिक्स (सुंदरता) की दृष्टि से देखें, तो मंगल फोंट कुछ कहने लायक नहीं है। उसके बारे में बस इतना ही कहा जा सकता है कि वह स्क्रीन पर पढ़ने के लिए ठीक-ठीक है (ठीक-ठाक नहीं)। मंगल फोंट में मुद्रित पाठ बहुत इंप्रेस नहीं करता है। उसे बारबार देखने से उसकी आदत सी हो जाती है, तभी उसकी सामान्यता अखरती नहीं है।

पर इस फोंट में कुछ गंभीर त्रुटियां भी हैं, जिससे उच्च कोटि के हिंदी काम के लिए वह अनुपयुक्त है। इनमें से सबसे ज्यादा अखरनेवाली त्रुटि उसमें ड और ढ के नीचे नुक्ता सही जगह पर नहीं लगना है। नुक्ता इन अक्षरों के बाईं ओर चला जाता है।

इसलिए जब रविरतलामी के छींटे और बौंछारे ब्लोग के माध्यम से मालूम हुआ कि मंगल फोंट का नया संस्करण विंडोस 7 के साथ उपलब्ध हो रहा है, तो सबसे पहले यही देखने की जिज्ञासा हुई कि क्या मंगल फोंट के नए संस्करण में यह नुक्ता वाली समस्या ठीक कर दी गई है या नहीं। इसलिए मैंने रवि जी से मंगल फोंट का नया संस्करण तुरंत ही मंगा लिया।

मुझे यह देखकर खुशी हुई कि ड और ढ के नुक्ता वाली समस्या नए मंगल फोंट में ठीक कर दी गई है। मैं इसे लेकर खुशियां मना ही रहा था कि मंगल फोंट के इस नए संस्करण में मुझे एक त्रुटि दिख गई, जो प्रसंगवश, पुराने मंगल फोंट में नहीं है।

यह है द से संबंधित कुछ संयुक्ताक्षरों का इसमें ठीक से न बनना। पुराने मंगल फोंट में द्व, द्ग, द्य आदि ठीक से संयुक्त होकर एक अक्षर के रूप में दिख जाते थे, पर मंगल के इस नए फोंट में वे टाइपराइटर शैली में हलंत के साथ तीन अक्षरों के रूप में दिखते हैं। कहना न होगा कि यह बहुत ही भद्दा लगता है। मजे की बात यह है कि नए मंगल में द के अन्य कई संयुक्ताक्षर जैसे द्र, द्ध, द्भ, द्म, द्द आदि ठीक से बनते हैं। ऐसा लगता है कि फोंट में सुधार करनेवाले लोगों के ध्यान से ये दे के संयुक्ताक्षर छूट गए थे।

नए मंगल फोंट में ल अक्षर का रूप भी त्रुटिपूर्ण लगता है, कम से कम स्क्रीन पर 12 पोइंट पर देखने पर। ल का अंदर का हिस्सा शिरोरेखा को छूता सा लगता है। पुराने मंगल में यह समस्या नहीं थी।

तो नए मंगल फोंट के साथ स्थिति दो कदम आगे, चार कदम पीछे वाली लगती है! लगता है कि इन त्रुटियों के ठीक होने के लिए विंडोस के अलगे संस्करण (विंडोस 8?) के आने की प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। वह पता नहीं कब आए। अब माइक्रोसोफ्ट को गूगल के प्रचालन तंत्र से कांटे की चुनौती मिल रही है। ऐसा भी हो सकता है कि विंडोस 8 की नौबत ही न आए!

हिंदी में यूनिकोड एनकोडिंगवाले फोंटों की बड़ी कमी है। इस ओर जानकार लोगों को ध्यान देना होगा। खेद की बात है कि बहुत खोजबीन करने के बाद भी मुझे यूनिकोड वाला सब दृष्टि से त्रुटि रहित एक भी हिंदी फोंट नहीं मिल सका है। कुछ प्रमुख यूनिकोड हिंदी फोंटो की संक्षिप्त चर्चा से इस बात को स्पष्ट करता हूं –

सीडैक द्वारा विकसित फोंट
पुणे स्थित सरकारी उद्यम सीडैक ने अनेक यूनिकोड आधारित फोंट जारी किए हैं, जैसे सुरेख, योगेश, भीम, ध्रुव, ऐश्वर्या आदि, आदि। इस खेप में लगभग 50 फोंट हैं। पर सबमें कोई न कोई त्रुटि है।

सुरेख फोंट
सीडैक के सुरेख फोंट का यूनीकोड संस्करण मुद्रण के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है, पर उसमें भी कई त्रुटियां हैं, जैसे –
1. उसमें य अक्षर प अक्षर के समान दिखता है।
2. अनुस्वार चिह्न इ की मात्रा के पीछे छिप जाता है, यथा, शांति शब्द को सुरेख में लिखने पर अनुस्वार की बिंदु को इ की मात्रा छिपा जाती है।

योगेश फोंट
सीडैक द्वारा विकसित एक अन्य फोंट योगेश है। इसमें अनुस्वार चिह्न और इ की मात्रा वाली समस्या नहीं है, पर इसके कोड संख्याओं में त्रुटि है। उदाहरण के लिए एम डैश टाइप करने पर एकल उद्धरण चिह्न आता है।

यानी कोड स्थिति यू+2014 (एम डैश) और यू+2018 (सिंगल कोटेशन मार्क) में घपला हो गया है। यह त्रुटि सुरेख को छोड़कर सीडैक द्वारा विकसित सभी यूनिकोड फोंटों में है, यथा भीम, ध्रुव, योगेश, ऐश्वर्य, अजय, देवेंद्र, आदि, आदि।

विंडोस के फोंट
विंडोस ने हिंदी के लिए कई यूनिकोड फोंट जारी किए हैं, जैसे एरियल यूनिकोड एमएस, मंगल, कोकिला और अपराजिता। पर इन सबमें कोई न कोई त्रुटि है। मंगल फोंट की कमियों की चर्चा ऊपर हो चुकी है, इसलिए यहां अन्य फोंटों की चर्चा करते हैं

एरियल यूनिकोड एमएस
यह एक अच्छा फोंट है, पर इसमें भी ड और ढ के नुक्ते के सही जगह पर न पड़ने की समस्या है। क्या विंडोस 7 में एरियल यूनिकोड एमएस का भी नया संस्करण आया है, जिसमें यह त्रुटि न हो?

कोकिला
एक अन्य विंडोस फोंट कोकिला है। इसमें ड और ढ के नीचे नुक्ता की स्थिति ठीक है, पर इसमें हिंदी विराम चिह्न ठीक नहीं है वह पाइप वर्ण जैसा बहुत लंबा दिखता है और वाक्य के अंतिम अक्षर के बहुत नजदीक पड़ता है।

अपराजिता
विंडोस का एक दूसरा फोंट अपराजिता है, पर यह अलंकृत फोंट है और सामान्य उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं है। इसमें ड और ढ के नुक्ते की समस्या नहीं है।

लिनक्स के फोंट
लिनक्स के बारे में मुझे अधिक जानकारी नहीं है। मैंने सुना है कि उसमें हिंदी के कई अच्छे यूनिकोड फोंट हैं। रवि जी ने लोहित नाम के एक फोंट का ध्यान दिलाया था, पर यह भी त्रुटि रहित नहीं है। नुक्ता इसमें भी ड पर ठीक से नहीं पड़ता है। वह ड के निचले भाग को छूता हुआ सा प्रतीत होता है, कम से कम स्क्रीन पर 12 पोइंट साइस पर। दूसरी समस्या इसमें यह है कि ए की मात्रा े शिरोरेखा को छूती नहीं है और अलग सी खड़ी लगती है।

कुल-मिलाकर कहें, तो यूनिकोड हिंदी फोंटों की स्थिति अत्यंत असंतोषजनक ही है। इस दिशा में बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है। कृतिदेव, कृतिपैड, युवराज आदि गैर-यूनिकोड फोंटों का यूनिकोड संस्करण जल्द तैयार करवाना चाहिए। ये अच्छे फोंट हैं, कम से कम ऐस्थेटिक्स की दृष्टि से। यदि ये यूनिकोड एनकोडिंग के साथ उपलब्ध हो जाएं, तो इन्हें वेब साइटों आदि के लिए भी उपयोग किया जा सकेगा। अभी इनका मूल्य केवल मुद्रण के लिए है। मुद्रण में भी उनका महत्व कम होता जा रहा है, क्योंकि वे यूनिकोड एनकोडिंग में नहीं है।

सवाल यही है कि क्या कोई इस ओर काम कर रहा है? यदि कर रहा हो, तो उन्हें प्रोत्साहन और समर्थन देने की आवश्यकता है। संस्थाओं को भी आगे आना होगा। केंद्र सरकार के इलेक्ट्रोनिक्स और आईटी विभाग, केंद्रीय हिंदी संस्थान, विभिन्न राज्यों के हिंदी संस्थान, सीडैक, भारतीय प्रौद्योकिकी संस्थान आदि को इस ओर पहल करनी होगी क्योंकि यह किसी एक व्यक्ति के बस की बात नहीं है।

टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो आदि बड़ी-बड़ी आईटी कंपनियों को भी इस कार्य में योगदान देना चाहिए। अब तक वे केवल पैसे बनाने में अपनी कुशलता दिखा पाए हैं, और देश के हित का कोई सोफ्टवेयर देने में नितांत असफल रहे हैं। अब समय आ गया है कि वे देश के लिए हितकारी कुछ काम करने की ओर भी ध्यान दें। क्या यह उनके लिए शर्म की बात नहीं है कि उनके पास इतना साधन और कुशलता होने के बाद भी हिंदी में ढंग के फोंट, सोफ्टवेयर आदि अब भी नहीं हैं, और जो हैं, वे सब माइक्रोसोफ्ट, एडोब आदि विदेशी कंपनियों द्वारा विकसित हैं?

9 Comments:

Gyan Dutt Pandey said...

सब ठीक है जी - दान की बछिया के क्या दांत गिनें?

दिनेशराय द्विवेदी said...

कंपनियाँ मुनाफे और सिर्फ मुनाफे के लिए काम करती हैं। उन से आशा रखना व्यर्थ है। यह काम तो हिन्दी के लिए समर्पित डेवलपर ही कर सकते हैं।

अनुनाद सिंह said...

आपने तो इस विषय पर सचमुच एक 'लघु शोधपत्र' ही प्रस्तुत कर दिया है। यह सबके लिये बहुत उपयोगी होगा। यह सुधार करने वालों के लिये भी 'फीडबैक' का काम करेगा। साधुवाद!

Unknown said...

उत्तम लेख। मुझे एरियल यूनिकोड अधिक दर्शनीय लगता है मंगल के मुकाबले…

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

बाप रे! इतनी पैनी दृष्टि!!
मैकिंटोस सिस्टम में हिन्दी फॉण्ट अच्छा दिखता है। कहो तो स्क्रीन शॉट भेजूँ? यह मत पूछना कि यह सिस्टम मेरे पास आया कहाँ से ;)

वैसे भी सौन्दर्य के बारे में स्टीव जॉब्स और उनकी टीम बहुत सतर्क है।

इसे अंग्रेजी में कर माइक्रोसॉफ्ट को भेजें। वे लोग अवश्य ध्यान देंगे। हिन्दी और हिन्द ऐसे बाज़ार हैं जिनकी वे उपेक्षा नहीं कर सकते ।

रवि रतलामी said...

बढ़िया, परिपूर्ण समीक्षा.
लिनक्स तंत्र के लिए आमतौर पर मुफ़्त व मुक्त जारी फ़ॉन्टों - जैसे कि लोहित, रघु इत्यादि का प्रयोग किया जाता है. वहां भी जैसे कि आपने लोहित के बारे में लिखा ही है, बहुत गड़बड़ियाँ हैं.

आपका सुझाव कि कृतिदेव का यूनिकोडित संस्करण आना चाहिए, स्वागत् योग्य है. यदि ब्लॉगवाणी के संचालक गण (जिन्होंने मूल कृतिदेव फ़ॉन्ट बनाया है) इसे पढ़ रहे हों तो उनसे आग्रह है कि यदि संभव हो तो एक अच्छा (बल्कि ऐसे फ़ॉन्टों का संग्रह) यूनिकोड हिन्दी फ़ॉन्ट तैयार करें. उनके पास तो दशकों का अनुभव है!

Himanshu Pandey said...

निश्चय ही सारगर्भित समीक्षा - हमें इतने फोंट जानने समझने को मिल गये ।
रवि जी की टिप्पणी का आभार - एक जानकारी मिली कि मूल कृतिदेव फ़ॉन्ट ब्लॉगवाणी के संचालकों ने बनाया है । आभार ।

कर्मबीर said...

में एक फांट डिजाइनर हूं मेने सभी भारतीय भाषा के यूनिकोड फांट बनाये है "नए मंगल फोंट की त्रुटियां" लेख के साथ ज्ञानदत्त पाण्डेय जी का सब ठीक है जी - दान की बछिया के क्या दांत गिनें?
का सेख भी पढ़ा . लेकिन मेने जो फांट बनाये है उनमे कोई त्रुटि नही है
मेने एक युनिकोड़ फांट हिन्दुस्तान (हिन्दी न्यूज पेपर को बना कर दिया है जिसमे कोई त्रुटी नही है

धन्यवाद
कर्मबीर सिंह रोहिल्ला
(मो.) 9968312113
दिल्ली

Shubham said...

koi mujhe batao ki main द्ध kaise type karon. main windows 10 me mangal font use karke typing sikh raha hoon.

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