पाकिस्तान के साथ परंपरागत युद्ध शायद विकल्प नहीं है, पर परोक्ष युद्ध की नीति संभव है।
अफगानिस्तान में अपनी सेना भेजकर तालिबानों के विरुद्ध मोर्चे को हम मजबूत कर सकते हैं। इससे अमरीका का पाकिस्तान पर निर्भरता कम होगी, उसी तादाद में अमरीका द्वारा पाकिस्तानी सेना को टिकाए रखने की इच्छा भी। इससे अंततः पाकिस्तानी सेना कमजोर होगी और पाकिस्तान का लोकतंत्र मजबूत होगा। तालिबान का सफाया भी संभव हो सकेगा।
Sunday, December 21, 2008
मुंबई हमले का जवाब - क्या युद्ध एक विकल्प है?
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण
लेबल: आतंकवाद, पाकिस्तान, मुंबई हमला
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