इसे पढ़कर जान लीजिए कि लोड मकोले कितने दूरदर्शी थे और वे अपनी नीति में कितने सफल हुए।
Thursday, April 09, 2009
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इसे पढ़कर जान लीजिए कि लोड मकोले कितने दूरदर्शी थे और वे अपनी नीति में कितने सफल हुए।
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण
लेबल: विविध
4 Comments:
यह संदेश मैं कई सालों से ईमेल पर फारवर्ड होते देख रहा हूँ। इसकी अहमियत महज एक "ईमेल फारवर्ड" से कहीं अधिक है। इसे एक विडंबना ही कहा जायेगा कि वह संदेश जिस भारतीय भाषा में लिखा हुआ था, उसे मैं पढ़ना नहीं जानता। अंग्रेजी में ही पढ़कर समझ में आया।
अंग्रेज़ इस साजिश में कामयाब हो गए और हमारे नेता अभी भी उन्हीं की चाल पर चल रहे हैं। हम अपनी राष्ट्रभाषा को भी राजनीति के गंदे कीचड में डाल चुके हैं।
अनिल जी, चित्र में ऊपर जो लिखा है, वह तमिल में है। उसमें मकोले की टप्पणी का अनुवाद नही है, बल्कि उसकी भूमिका है। उसमें मकोली का परिचय दिया गया है।
लिंक के लिए धन्यवाद।
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