Thursday, January 08, 2009

अंतरजाल बनाएगा हिंदी अनुवादकों को लखपति - 5


हिंदी के बढ़ते कदमों के साथ बढ़ें समृद्धि की ओर

पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था के चमक उठने से बहुत सी विदेशी कंपनियां भारत में कारोबार शुरू कर रही हैं। इन्हें हिंदी में अपने जाल स्थल, प्रचार सामग्री आदि अनूदित करवाने की जरूरत पड़ती है।

इसके साथ ही अब भारतीय मूल के लोग अमरीका, यूके, कनाडा, आस्ट्रेलिया आदि देशों में इतनी संख्या में पहुंच गए हैं कि वहां की सरकारें अपनी विज्ञप्तियां, कानून, नोटिस, जाल स्थल आदि को हिंदी में भी जारी करने लगी हैं। इन सब कारणों से अब हिंदी एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में उभर गई है। बोलनेवालों की संख्या की दृष्टि से भी हिंदी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा है, चीनी और अंग्रेजी के बाद।

हिंदी के अनुवादक इस परिस्थिति से खूब लाभ उठा सकते हैं और अपनी आय को दुगना-तिगुना बढ़ा सकते हैं।

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