अनुवाद, संपादन और प्रूफ-शोधन के व्यवसाय से जुड़े होने के कारण मुझे शब्दों की सही वर्तनी और प्रयोग पर काफी ध्यान देना होता है। हिंदी में अनेक शब्दों के लिए एक से अधिक वर्तनियां चलती हैं। मैं कोशिश करता हूं कि विभिन्न विकल्पों में से मानक हिंदी द्वारा अपनाए गए विकल्प का ही प्रयोग करूं। यह मेरे लिए एक पेशेवरीय आवश्यकता भी है।
अभी हाल में दुहराना तथा उसके सजातीय कुछ शब्दों से सामना हो गया, और उनकी सही वर्तनी निश्चित करने के लिए मुझे अनेक व्याकरण पोथियों की गर्द झाड़नी पड़ी। अंत में किशोरीदास वाजपेयी की पुस्तक हिंदी शब्द मिमांसा में उनका समाधान प्राप्त हुआ।
जरा इन शब्दों को देखिए :- दुहराना, दुपहर, दुअन्नी, दुतल्ला, दुतरफा, दुपट्टा।
इन्हें अनेक पुस्तकों में इस तरह से भी लिखा हुआ मिलता है :- दोहराना, दोपहर, दोअन्नी, दोतल्ला, दोतरफा, दोपट्टा।
इनमें से सही वर्तनी कौन-सी है?
किशोरीदास वाजपेयी ने हिंदी शब्द मिमांसा में विस्तार से समझाया है कि इन सबमें दु वाले रूप सही हैं, यानी, दुहराना, दुपहर, दुअन्नी, दुतल्ला, दुतरफा, दुपट्टा।
हिंदी में संख्यावाचक शब्द बनाते समय मूल शब्द का ह्रस्वीकरण होता है –
एक – इक – इकतारा, इकहरा, इकलौता
दो – दु - दुहराना, दुपहर, दुअन्नी, दुतल्ला, दुतरफा, दुपट्टा
तीन – ति – तिपाई, तिकोना, तिरंगा
चार – च – चवन्नी
पांच – पंच – पंजाब, पंचरत्न, पंचांग, पंचमेल, पंचशील
छह – छि – छिहत्तर
सात – सत – सतरंगा, सत्ताईस, सत्तावन
आठ – अठ – अठन्नी
नौ - नव – नवग्रह, नवरत्न, नवदीप
सौ – सै – सैकड़ा
लाख – लख - लखपति
इस नियम को ध्यान में रखने पर दोपहर, एकतारा, सातरंगा, आठन्नी आदि शब्द गलत सिद्ध होते हैं।
किशोरीदास वाजपेयी ने हिंदी व्याकरण, वर्तनी आदि पर एक दर्जन से अधिक अत्यंत उपयोगी पुस्तकें लिखी हैं। उनके द्वारा लिखा गया हिंदी का सर्वांगीण व्याकरण, हिंदी शब्दानुशासन, कामता प्रसाद गुरु के हिंदी व्याकरण के बाद हिंदी का सर्वश्रेष्ठ व्याकरण है। राहुल सांकृत्यान ने किशोरीदास वाजपेयी की व्याकरण प्रतिभा को देखते हुए उन्हें हिंदी का पाणिनी कहा था, जो उचित ही है।
वाणी प्रकाशन, दिल्ली ने अभी हाल में किशोरीदास वाजपेयी रचनावली प्रकाशित की है जिसमें वाजपेयी जी की सभी पुस्तकें शामिल की गई हैं। इन पुस्तकों में प्रमुख हैं –
हिंदी शब्द मिमांसा
अच्छी हिंदी
हिंदी वर्तनी
अच्छी हिंदी का नमूना
हिंदी निरुक्त
भारतीय भाषाविज्ञान
हिंदी शब्दानुशासन
संस्कृति का पांचवा स्तंभ
ये सभी पुस्तकें वाणी प्रकाशन, दिल्ली से अलग से भी उपलब्ध हैं।
हिंदी व्यवसाय में जुड़े सभी लोगों को (अनुवादक, संपादक, प्रूफ-शोधक, लेखक, अध्यापक, आदि) और साफ–सुथरी हिंदी लिखने में रुचि रखनेवाले लोगों को ये पुस्तकें अवश्य प्राप्त कर लेनी चाहिए। छात्रों के लिए भी ये अत्यंत उपयोगी हैं।
Thursday, September 03, 2009
दुहराना या दोहराना?
लेखक: बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण
लेबल: किशोरीदास वाजपेयी, वर्तनी, हिंदी
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21 Comments:
आपने अच्छी बात बतायी। धन्यवाद।
इस लेख के लिए आपका आभार. इन्ही शब्दों ने बहुत परेशान कर रखा था. अब शंका का समाधान हो गया है.
उपयोगी लिखा है. सही ब्लॉगिंग :)
kaafi sahi baat batayi aapne. Padh ke accha laga.
उपयोगी व सारगर्भित जानकारी के लिये धन्यवाद।
इसी बहाने हमारी भी जानकारी बढ गयी।
( Treasurer-S. T. )
एक बहुत ही सामान्य और आम त्रुटि से सबको अवगत करा कर आप ने बहुत उपकार किया है। आप की निष्ठा का महत्त्व इससे और बढ़ जाता है कि आज ब्लॉग जगत में समाचार पत्रों के सम्पादक तक सरलता के नाम पर त्रुटिपूर्ण हिन्दी की वकालत करने लगे हैं।
बहुत शुक्रिया.
बहुत अच्छी बात बताई है मेरे जैसे अनाड़ी आदमी के लिये बहुत काम आयेगी । हो सके तो आप जब भी इस प्रकार का लेख लिखे तो नेट पर सम्बन्धित सामग्री का हवाला भी दे ताकी ज्यादा से ज्यादा लोगो को सीखने को मिले । और हमारी मातृ भाषा भी समृद्ध हो जायेगी ।
लाभान्वित हुआ। ध्यान रखूंगा। आभार।
अच्छी व उपयोगी जानकारी:
बहुतबहुत धन्यवाद।
सार्थक जानकारी ....आज पता चला कितनी दुपहर को व्यर्थ दोपहर किया....
इस तरह के शब्द लिखते समय अक्सर दुविधा में डाल देते हैं आपने उसका समाधान करके अच्छी जानकारी दी है।
इस पर किताबें भी है यह जानकर प्रसन्नता हुई।
दुहराना दोहराना जैसे शब्दों के जाल से निकलने के लिए अच्छी जानकारी है।
मैं अध्यापिका हूँ ,आपके ब्लोग पर स्वाति की ब्लोग लिस्ट के मार्फत पहुँच गई . बहुत ज्ञानवर्धक जानकारियां है आपके ब्लोग पर जो मेरे स्टाफ के सभी सदस्यों के अलावा विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी है. बुक मार्क कर रही हूँ साथ ही फोलोअर्स की लिस्ट में भी शामिल हो रही हूँ .
आशा है आपके ब्लोग से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.
स्नेह
बहुत काम की जानकारी। हिंदी में वर्तनी की दुविधा हमेशा बनी रहती है। फिर सरल भाषा के नाम पर गलत हिंदी के प्रयोग का तो चलन है ही। आपकी दी हुई जानकारी का ध्यान रखूंगी। धन्यवाद।
आपने अच्छी बात बतायी। धन्यवाद।
nice, thanks...
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