Tuesday, July 07, 2009

जब आपके बच्चे का हो यौन शोषण - 10

कुछ सुझाव

बच्चों को यौन शोषण से बचाए रखने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं –

1. पारिवारिक सुरक्षा के नियम तय करें, जैसे किः
• किसी को भी अपना नाम और पता जैसी व्यक्तिगत जानकारी न दो।
• अगर कोई वयस्क या बड़ा बच्चा तुम्हारे निजी अंगों को बुरे इरादे से छुए, तो यह उचित नहीं है।
• अगर कोई तुम्हारे निजी अंगों को छूकर बात गुप्त रखने को कहे, तो तुरंत किसी को इसके बारे में बताओ। अगर वह व्यक्ति तुम्हारा विश्वास न करे, तो किसी और को बताओ।
• जब भी तुम्हें किसी के स्पर्श से परेशानी हो, तुरंत ही उस व्यक्ति को मना कर दो और किसी विश्वसनीय व्यक्ति को उसके व्यवहार के बारे में बताओ।

2. हमारी तरह बच्चों को भी अपने निजी स्थान का अधिकार है जहां वे अपनी इच्छानुसार किसी को आने या न आने दे सकते हैं। बच्चों के लिए उनके एकांत और कपड़े बदलते समय के नियम स्थापित कीजिए। अगर कोई उनके निजी स्थान का अतिक्रमण करे, तो उन्हें अपने अधिकारों की दृढ़ता से रक्षा करना सिखाएं।

3. बच्चों को सिखाएं कि यौन शोषण की बातों को गुप्त रखना ठीक नहीं है, खास कर जब वे बातें परिवार संबंधी सुरक्षा नियमों का अतिक्रमण करते हों। अपराधी अक्सर शोषित बच्चों से ऐसी बात गुप्त रखाकर ही स्वयं को बचाता है। बच्चों को चुप्पी के परिणामों से अवगत कराएं।

4. अपने बच्चे के साथ ''अगर ऐसा हो” वाला खेल खेलें। उदाहरण के लिए, बच्चे से पूछिए, अगर हम बाजार में बिछुड़ गए, और तुम मुझे ढूंढ़ न सको, तो क्या करोगे? अगर कोई तुम्हारे निजी अंगों को छूना चाहे, तो क्या करोगे? ऐसी परिस्थितियों का उदाहरण दें जो प्रासंगिक हों। अपने बच्चों को सही उत्तर की तरफ बढ़ाएं, जिससे कि जब वे यौन शोषण का सामना करें तो उन्हें पता रहे कि उन्हें क्या करना चाहिए।

5. बच्चों में आत्मसम्मान विकसित करें, ताकि वे यौन शोषण से स्वयं की रक्षा कर सकें और आपको भी उसकी जानकारी दे सकें। अपराधी अक्सर उन्हीं बच्चों को अपना शिकार बनाते हैं जिनमें आत्मविश्वास की कमी होती है। निम्नलिखित तरीके अपनाकर बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाएं -

• उनकी उपलब्धियों को सराहें, भले ही वे छोटी-मोटी ही क्यों न हों।
• उनकी भावनाओं को सुनें और मंजूर करें।
• बच्चों द्वारा किसी घटना के प्रति दिए गए बबयान और अनुभव को स्वीकार करें।
• उन्हें छोटा मत महसूस कराएं।
• बच्चों को अपनी पसंद अथवा राय जाहिर करने का मौका दें।
• उन्हें अपनी काबिलियत का एहसास दिलाएं।

अपने बच्चे को ऐसी कहानियां सुनाएं जिनमें दूसरे बच्चों ने विपरीत परिस्थितियों का सामना किया हो। इन कहानियों से बच्चों को अपनी सुरक्षा के प्रति सकारात्मक कुशलताएं और सही दृष्टिकोण प्राप्त होंगे। साथ ही, उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में आपसे बात करने का मौका भी मिलेगा।

6. बच्चों को सिखाएं कि मुसीबत में पडऩे पर उन्हें अपने विश्वसनीय लोगों से संपर्क करना चाहिए। अपने बच्चों के लिए उपयुक्त विश्वसनीय लोगों की सूची बनाएं। ऐसी सूची बनाते समय आपके सुझाए हुए नामों के प्रति बच्चों की प्रतिक्रिया पर गौर करें। उन्हें सिखाएं कि अगर उन्होंनें मुसीबत में किसी से संपर्क किया, और उस व्यक्ति से उन्हें सहायता नहीं मिली, या उसने उनका विश्वास नहीं किया, तो उन्हें तुरंत ही किसी और से संपर्क करना चाहिए। उन्हें सिखाएं कि वे तब तक अलग-अलग लोगों को बताते रहें, जब तक कोई उनका विश्वास करके उनकी मदद न करे।

7. बच्चों को बताएं कि ऐसे लोग भी उनका नुकसान कर सकते हैं जिन्हें वे जानते हैं - यौन शोषण अक्सर परिचित व्यक्तियों द्वारा ही किया जाता है। पर बच्चों को सिखाएं कि उन्हें लोगों के बजाए अहितकर हालात और कार्य से सावधान रहना है। बच्चों को असुरक्षित कार्य और असुरक्षित व्यक्ति में अंतर करना सिखाएं, ताकि वे वयस्कों से अनायास ही न डरें, और अच्छे और स्वस्थ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक संपर्क बने रहें। बच्चों को यह सिखाना जरूरी है कि अधिकांश लोग अजनबी हैं और अधिकांश लोग अच्छे हैं, इसलिए जरूरत पड़ने पर वे किसी अजनबी से भी सहायता ले सकते हैं।
(... जारी।)

इस लेख माला के अब तक के लेखों की कड़ियां
1. विषय प्रवेश
2. कौन होता है शोषक?
3. बाल यौन शोषण के संकेत
4. यौन स्पर्श की पहचान
5. क्यों नहीं करते बच्चे अपने यौन शोषण की शिकायत
6. कैसे जानें आपके बच्चे का हुआ है यौन शोषण?
7. बच्चों के लिए सेक्स शिक्षण बहुत जरूरी है
8. कैसे करें मदद अपने यौन शोषित बच्चे की
9. अपने बच्चों की बात सुनना सीखिए

3 Comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

कुल मिला कर बात यह कि बालकों का यौन शिक्षण जरूरी है। उस की पद्यति विकसित करनी चाहिए।

अजय कुमार झा said...

इस श्रृंखला पर आपने काफी श्रम किया है..ज्ञानवर्धक रही

Unknown said...

saarthak aalekh !

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