Saturday, May 16, 2009

फलों की रानी पद के लिए एक उम्मीदवार

हिमांशू जी की भतीजी ने एक बहुत ही अहम सवाल पूछा है। आम फलों का राजा है, तो फलों की रानी कौन है? एक उम्मीदवार लीची हो सकती है। लीजिए फलों की रानी पद के इस उम्मीदवार के बारे में कुछ जानकारी। उसे पढ़कर तय कीजिए कि क्या आम (मैंगीफेरा इंडिका) और लीची (लीची काइनेन्सिस) की जोड़ी जमेगी?

मीठी, स्वादिष्ट, सुगंधित लीची एशिया भर में बड़े चाव से खाई जाती है। वैसे उसका मूल देश चीन है।

लीची स्वादिष्ट ही नहीं है, उसमें अनेक औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। पौष्टिकता की दृष्टि से भी वह अव्वल है।

भारत में लीची की खेती नकदी फसल के रूप होती है। लीची की अनेक किस्में हैं और वह अलग-अलग आकारों, रंगों और स्वादों में आती है। कुछ नस्लों में बीज नहीं होते।

लीची की अधिक खेती बिहार के उत्तरी भागों में विशेषकर मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिलों में और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, देहरादून और मुजफ्फरनगर में होती है। फल मई से लेकर जून के मध्य तक तोड़े जाते हैं।

लीची में विटामिन, शक्कर, प्रोटीन, वसा और खनिज पदार्थ भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। उससे आइसक्रीम, जैम, ठंडा पेय आदि बनाया जाता है। ताजा फल खाने से शरीर में स्फूर्ती और ताजगी आती है। लीची आसानी से पचती है और बुखार से कमजोर हुए मरीजों को वह खाने को दिया जाता है। उसे कब्ज, दस्त, सिरदर्द और गुर्दे, जिगर आदि के रोगों में लाभकारी माना गया है।

तो क्या तय किया आपने? आम और लीची का ब्याह ब्लोगजगत में धूम-धाम से कराया जाए?

11 Comments:

Udan Tashtari said...

हम तो मकोई सजेस्ट किए थे मगर आप लीची का प्रपोजल ले आये हो तो कुण्डली मिलवाये लेते हैं. :)

Udan Tashtari said...

चैक कर लिया..मंगल दोष है और १५ गुण मिल रहे हैं बस!! अब आप देख लो..

Satish Gulati said...

Leechi is good match:)

बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण said...

उड़न तश्तरी: मंगल दोष के लिए कोई उपाय कर लिया जाए तो कैसा रहेगा? कहो तो लीची को तिरुपती के बालाजी के दर्शन करवा लाते हैं। आखिर अमिताभ ने भी ऐश के लिए यही तो किया था!

बाल भवन जबलपुर said...

budh dosh to hai

Himanshu Pandey said...

आपकी बनायी जोड़ी हमने भी जमा दी । अपनी भतीजी को बता दिया कि रानी तो लीची ही ही ।

लीची से संदर्भित इस जानकारी पूर्ण आलेख के लिये धन्यवाद ।

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

लीची बडी रसीली होती है और् आम भी. जोडी अच्छी रहेगी. लगे हाथ दोनों के वैग्यानिक नाम भी दे दें तो सरकारी अभिलेख में विवाह का पंजीकरण भी हो जाय.

संगीता पुरी said...

वैसे गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष कुंडली मिलान या मंगल दोष को नहीं मानता .. लीची और मकोई दोनो के साथ विवाह चल सकता है .. पर रानी कौन और पटरानी कौन .. यह फैसला बाकी लोगों पर .. वैसे लीची के बारे में सही लिखा है।

बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण said...

संगाता जी: आम की दो-दो रानियां! आपने गृह कलह की नींव रख दी!! आम पर तरस आता है!

बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण said...

गिरिजेश जी: वैज्ञानिक नाम दे दिए हैं। अब विवाह पंजीकरण की व्यवस्था करें।

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

सुन्दर,रस भरी व मधुर पोस्ट के लिये आप को शत शत बधाई.

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