पाकिस्तानी तालिबान द्वारा पेशावर के फ़ौजी स्कूल में किए गए हत्याकांड का विश्लषण करने से पाकिस्तान की आतंकी नीति की परतें खुलती हैं, और हमें इस नीति को बेहतर रूप से समझने में मदद मिलती है।
तालिबान पाकिस्तानी फ़ौज और उसकी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई द्वारा बनाया गया संगठन है। उसे निर्मित करने का उद्देश्य उसकी मदद से अफ़गानिस्तान में पाक-समर्थक सरकार स्थापित करना है। पाकिस्तान अफ़गानिस्तान को अपना पिछवाड़ा मानता है जो भारत के साथ भविष्य में होनेवाले युद्धों के लिए भौगोलिक गहराई प्रदान करनेगा। वहाँ वह ऐसी किसी भी सरकार को पनपने नहीं देता है जो उसके हितों के विरुद्ध जाए। वर्तमान में अमरीका द्वारा अफ़गानिस्तान में स्थापित सरकार पाक-विरोधी सरकार है। अब चूँकि अमरीका अफ़गान युद्ध हारने के बाद अपनी सेना को अफ़गानिस्तान से खींच रहा है, पाकिस्तान को वहाँ एक बार फिर पाक-समर्थक तालिबान सरकार स्थापित करने के अवसर नज़र आ रहे हैं।
ओसामा बिन लादेन के अल-क़ायदा द्वारा न्यू योर्क के ट्विन टावर को धराशायी करने के बाद अमरीका ने काबुल में तालिबानी सरकार को अपदस्थ करके वहाँ करज़ई की कठपुली सरकार स्थापित कर दी थी। अमरीकी सेना के हमलों से बचने के लिए तालिबानी लड़ाके अफ़गानिस्तान भर में और अफ़गानिस्तान से लगते पाकिस्तान के इलाक़ों में फैल गए और वहाँ से अपनी छापेमार लड़ाई चलाते रहे। यह लड़ाई अब सफलता की ओर बढ़ रही है और अमरीका अपनी सेना समेटकर वापस जा रहा है। पीछे रह गई अफ़गानी सेना अकुशल, अपेशवर, अप्रशिक्षत और अनुभवहीन है और वह तालिबान के मँजे हुए लड़ाकों का मुक़ाबला करने में असमर्थ हैं। इतना ही नहीं, तालिबानों को पाकिस्तानी फ़ौज और आईएसआई का परोक्ष समर्थन और मार्गदर्शन भी प्राप्त है। इससे उसे जल्द ही काबुल में एक बार फिर अपनी सत्ता क़ायम करने की उम्मीद है।
लेकिन, इस परिदृश्य को बिगाड़नेवाली कुछ बातें भी अफ़गान-पाकिस्तान में गतिशील हो रही हैं। इतने दिनों तक अमरीकी सेना से लड़ने और अंत में उसे हराने से तालिबान के हौसले बुलंद हैं और उसे पाकिस्तानी सेना द्वारा नचाया जाना बिलकुल रास नहीं आ रहा है। दूसरे, तालिबान अल-क़ायदा से जुड़े अन्य आतंकी संगठनों से भी जुड़ा हुआ है और उन सबमें लड़ाकों, पैसे और जंगी सामान का आदान-प्रदान होता है। इन सबका मुख्य शत्रु अमरीका ही है। अल-क़ायदा से जुड़ा एक प्रमुख संगठन आईसिस है जो ईराक में अमरीका द्वारा ईराक में स्थापित कठपुतली शिया सरकार से लड़ रहा है। उसे आश्चर्यजनक सफलता मिल रही है और उसने लगभग आधे ईराक पर कब्ज़ा करके वहाँ एक स्वतंत्र सुन्नी इस्लामी ख़िलाफ़त की घोषणा कर दी है। इसे साउदी अरब और अन्य सुन्नी-वहबी अरब देशों से प्रत्यक्ष और परोक्ष समर्थन मिल रहा है। तालिबान को भी इन्हीं स्रोतों से समर्थन मिलता है। तालिबान से घनिष्ट रूप से जुड़ा ओसामा बिन लादेन साउदी राज-परिवार से जुड़ा एक व्यक्ति ही था। हालाँकि इराक में आईसिस को ज़बर्दस्त सफलताएँ मिल रही है, लेकिन उसके विरुद्ध पश्चिमी सरकारों का सैनिक गठबंधन भी बनता जा रहा है और बहुत जल्द उनके सम्मिलित सैन्य बल का मुक़ाबला करना आइसिस के लिए कठिन होता जाएगा। इसलिए वह भी अपने समर्थकों को इकट्ठा करने में जुट गया है। तालिबान और हक्कानी नेटवर्क और हाफ़िज़ साईद का लश्करे-तोईबा और जमात-उद-दवा जैसे आतंकी संगठनों ने पहले ही आइसिस को अपना समर्थन घोषित कर दिया है और वे उसे पैसे और लड़ाके भेजने लगे हैं।
पर तालिबान ही नहीं, आइसिस भी जानता है कि अमरीका और पश्चिमी देशों की मिली-जुली सैन्य बल को हराने का एक ही तरीका परमाणु हथियार प्राप्त करना है। अब पूरे इस्लामी विश्व में केवल पाकिस्तान के पास परमाणु अस्त्र हैं। इसलिए बहुत समय से तालिबान, और अब आईसिस, पाकिस्तान के परमाणु हथियार हथियाने की फ़िराक में है। पर ये हथियार पाकिस्तानी फ़ौज की सख्त पहरेदारी में रखे गए हैं। उन्हें प्राप्त करने के लिए पाकिस्तानी फ़ौज को हराना आवश्यक है।
इस तरह एक ओर पाकिस्तान तालिबान को अफ़गानिस्तान में अपने मंसूबों को साकार करने के लिए उपयोग करना चाहता है, और दूसरी ओर तालिबान पाकिस्तान से परमाणु हथियार छीनने की ताक में है।
अब तक तो पाकिस्तानी फ़ौज तालिबान पर नकेल कसकर उसे अपने इशारों पर नचाने में सफल रहा है, पर अब लग रहा है कि तालिबान इतना शक्तिशाली हो चला है कि वह यह नकेल उतार फेंककर, पाकिस्तानी फ़ौज को ही अपने नियंत्रण में लेना चाहता है। यह उनके लिए सामरिक महत्व भी रखता है। जैसा कि पहले बताया जा चुका है, इससे तालिबान, और उनके ज़रिए ईराक के आइसिस को, परमाणु हथियार मिल जाएँगे, और दूसरे, अफ़गानिस्तान में सत्ता हथियाने के उनके मुहिम के लिए पाकिस्तान से रसद और पाकिस्तान के सरहदी इलाक़ों में सुरक्षित स्थान प्राप्त हो जाएँगे। या अन्य शब्दों में, तालिबान को काबुल की अपनी लड़ाई में पाकिस्तान भौगोलिक गहराई प्रदान कर सकेगा। कैसी विडंबना है यह! कहाँ पाकिस्तान ने अफ़गानिस्तान में भौगोलिक गहराई तलाशते हुए तालिबान की सृष्टि की थी, और यही तालिबान पाकिस्तान को ही अपने लिए भौगोलिक गहराई प्रदान करनेवाला इलाक़ा बनाना चाहता है, और जले पर नमक छिड़कने के लिए उससे उसके परमाणु खिलौने भी छीनना चाहता है।
इस लड़ाई में कौन विजयी होगा, यह समय ही बताएगा। पर अब तक जब तालिबान पाकिस्तान की फ़ौज के हुक्मों के विरुद्ध जाता है, तो पाकिस्तानी फ़ौजी उसे सख्ती से दंडित करती है। स्वात घाटी में यही हुआ था और अब वज़ीरिस्तान में यही चल रहा है। और जब भी पाकिस्तानी फ़ौज तालिबान पर सख्ती बरतती है, तो वह कोई न कोई आतंकी हमला करके इसका बदला लेता है। यह घात-प्रतिघात वर्षों से चला आ रहा है। हर बार पाकिस्तानी फ़ौज को पहले से अधिक सख्ती से काम लेना पड़ रहा है, और तालिबान का जवाबी हमला पहले से अधिक ख़ौफ़नाक होता जा रहा है। पेशावर में पाकिस्तानी फ़ौज के अफ़सरों और सिपाहियों के बच्चों का क़त्ल करके तालिबान ने यही दिखाया है कि वह ईंट का जवाब पत्थर से देने में समर्थ है।
अब सवाल यह है कि यह सब कहाँ जाकर थमेगा? इस दुष्चक्र का अंत निकट भविष्य में नहीं होनेवाला है। कारण स्पष्ट है। पाकिस्तान की अफ़गान नीति का लक्ष्य – अफ़गानिस्तान में अपने लिए अनुकूल सरकार क़ायम करना – उसकी पहुँच के दायरे में आ गया है। अमरीका अफ़गान युद्ध हारकर अपनी सेना वहाँ से हटा रहा है। अफ़गानिस्तान में रह गई अफ़गान सेना किसी भी तरह से तालिबान का मुक़ाबला करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए, तालिबान की जीत निश्चित लग रही है। इस जीत को कुछ और निश्चित बनाने के लिए पाकिस्तान वज़ीरिस्तान में बरसों से रह रहे तालिबान टोलियों को वापस अफ़गानिस्तान खदेड़ देना चाहता है, ताकि वे अफ़गान तालिबान के साथ मिलकर इन दोनों के ही नेता मुल्ला उमर, जो स्वयं पाकिस्तान में ही, शायद कराची में, छिपकर रह रहा है, के हाथ मजबूत कर सकें।
वज़ीरिस्तान में पाकिस्तनी सेना द्वारा पिछले कई महीनों से चलाए जा रहे अभियान का मुख्य लक्ष्य यही है। पर इतने दिनों से पाकिस्तान में रहने के बाद और वहाँ तेजी से फैल रहे इस्लामी कट्टरवाद को देखते हुए, पाकिस्तानी तालिबान ने ख़ून चख चुके शेर की तरह अपनी निगाहें पाकिस्तान पर गढ़ा ली हैं और वह वहाँ सत्ता-पलट करके पाकिस्तान और उसके परमाणु हथियारों को अपने कब्ज़े में लेने की सोचने लगा है।
पाकिस्तान की जनता इन दोनों शैतानी ताकतों के दंगल का मूक दर्शक बनी हुई है। दोनों ही ताकतें उसे अँधेरे में रखने की पूरी कोशिश कर रही हैं, पर पेशावर हत्याकांड जैसी घटनाएँ उसे पर्दे के पीछे की सचाई की अस्पष्ट-सी झलक ज़रूर दिखा देती हैं।
---
21 Comments:
Sir aapne printscanf blog likhna band kyu kiya please use pura kare
AUR MERI RAY YE HAI KI AGAR SABHI LOG NASTIK BAN JAYE TO MUJHE LAGTA HAI DHARM KE NAM PAR YE NARSANHAR NAHI HOGA BABA LOG KA DHOKHADHARI BHI NAHI HOGA OR DURGA PUJA YA OR SARE PUJA ME ARBO RUPYA BARBAD NAHI HOGA
bahut badhiya lekh padkar maza aa gaya
I really appreciate your professional approach. These are pieces of very useful information that will be of great use for me in future.
Computer Virus in Hindi
Input Devices in Hindi
Android in Hindi
Intranet in Hindi
Internet in Hindi
Computer in Hindi
Google in Hindi
Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya
Proton Ki Khoj Kisne Ki
Lotus in Hindi
GDP in Hindi
Metabolism Means In Hindi
MICR in Hindi
Electron Ki Khoj Kisne Ki
IMPS in Hindi
LPG Gas in Hindi
Apple in Hindi
IPS Kaise Bane
Indian History in Hindi
Sardar Vallabhbhai Patel In Hindi
Gyan Ki Baatein
Life Quotes in Hindi
Gwalior Ka Kila
Sant Gadge Baba
Chittorgarh Ka Kila
Amarnath Mandir
Lal Qila
Jhansi Ka Kila
Paisa Kamane Wala App
Qutub Minar Hindi
Bhangarh Ka Kila
Indore Rajwada
Tirupati Balaji Mandir
Bijli Mahadev
Duniya Ki Sabse Mehngi Car
Ahilyabai Holkar
Nageshwar Jyotirling
Meenakshi Temple Madurai
really very nice information
CAPTCHA Kya hai
Really great blog, it's very helpful and has great knowledgeable information. Thanks for sharing this information. Social Media Marketing In India
Thank you so much for share this type of articles keeps the users interest in this article, I really like to read this awesome blog. Buy Instagram Followers India
the 5 pillars of islam
this is the one i am searching in google to read, if you wish to buy oud chips online check our website. we are the best perfumes seller and manufacturer in UAE.
Excellent Blog! I would Thanks for sharing this wonderful content. Its very useful to us Influential media house
Harrah's Hotel and Casino Las Vegas, NV Jobs - KTNV
About Harrah's Hotel 인천광역 출장샵 and Casino Las 대전광역 출장샵 Vegas, 부천 출장샵 NV Jobs · 청주 출장샵 Casino Games 문경 출장마사지 · Resort · More Info. Hours, Attire, Wi-Fi. Leave reviews, Photos,
finally i found best reading blog site in google, thanks for sharing this type of useful articles to read, keep it up and all the best Online Shopping Dubai
The information you have very true and useful, thank you have shared this post.
Buy Instagram Followers In Delhi
Post a Comment