tag:blogger.com,1999:blog-33823237.post2179276234633070617..comments2024-02-20T15:42:24.227+05:30Comments on जयहिंदी: दक्षिण अफ्रीका : एक देश दो चेहरेबालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणhttp://www.blogger.com/profile/09013592588359905805noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-33823237.post-34674308535904875032009-06-22T21:54:34.255+05:302009-06-22T21:54:34.255+05:30गिरिजेश: जैसे द्विवेदी जी ने समझाया है, द. अफ्रीका...गिरिजेश: जैसे द्विवेदी जी ने समझाया है, द. अफ्रीका में कालों की सरकार तो बन गई है, लेकिन उत्पादन के साधनों पर अब भी थोड़े से लोगों का ही अधिकार बना हुआ है, जिनमें अधिकतर गोरे और थोड़े से काले लोग शामिल हैं। इसलिए वहां लोकतंत्र बस नाम के लिए ही है।<br /><br />हमारे देश की स्थिति भी कुछ बेहतर नहीं है, आजादी के 60 साल बाद भी देश के अधिकांश लोगों की स्थिति अंग्रेजों के जमाने की तुलना में ज्यादा बेहतर नहीं है।<br /><br />यहां भी लोकतंत्र दिखावे भर का ही है, और असल सरकार कुछ उद्योगपति, विदेशी ताकतों के नुमाइंदे, और देशी-विदेशी पूंजीपति चला रहे हैं। सब कुछ उन्हीं के फायदे के लिए होता है। हर पांच साल चुनाव का नाटक जरूर खेला जाता है, लोगों को गुमराह करने के लिए।बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणhttps://www.blogger.com/profile/09013592588359905805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33823237.post-49551575422727730812009-06-22T21:47:58.286+05:302009-06-22T21:47:58.286+05:30काले इसके लिए कहाँ तक जिम्मेदार हैं?काले इसके लिए कहाँ तक जिम्मेदार हैं?गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33823237.post-7819971700938640992009-06-22T10:32:57.076+05:302009-06-22T10:32:57.076+05:30ऐसी विसंगतियां बनी ही रहेंगीऐसी विसंगतियां बनी ही रहेंगीP.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33823237.post-86286662510680468172009-06-22T08:09:31.514+05:302009-06-22T08:09:31.514+05:30रंगभेदी निजाम का हट जाना रंगभेद का हट जाना नहीं हो...रंगभेदी निजाम का हट जाना रंगभेद का हट जाना नहीं होता। आर्थिक विषमता का दूर होना वह तो मौजूदा विश्व में जब तक उत्पादन साधनों पर समाज नियंत्रण स्थापित नहीं होता संभव नहीं है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com